Saturday, August 5, 2023
Sunday, March 5, 2023
महिलाओं में हार्ट ब्लॉकेज होने पर दिखते हैं ये 5 लक्षण, न करें नजरअंदाज -डॉ. गुरभेज सिंह एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी
महिलाओं में हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और संकेत कई हो सकते हैं, जिन्हें समय रहते पहचानकर हृदय रोगों से बच सकती हैं।
Symptoms Of
Heart Blockage In Women: महिलाओं में हार्ट ब्लॉकेज की समस्या बहुत आम हो गई है। इसका एक बड़ा कारण खराब जीवनशैली है। हार्ट में ब्लॉकेज होना एक बेहद गंभीर रोग है, इसे मेडिकल भाषा में कोरोनरी धमनी रोज या कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहा जाता है। हृदय की एक सामान्य स्थिति है। डॉ. गुरभेज सिंह एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी के अनुसार, यह स्थिति तब पैदा होती है, जब आपके दिल की मांसपेशियों में रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं और अपना काम ठीक से नहीं करती हैं। जिसका कारण आमतौर पर वाहिकाओं में खराब कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा और उसका संचय होना है। धमनी रोग कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कारण ही होता है। आपकी रक्त वाहिकाओं में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को ऐथिरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। जब कोलेस्ट्रॉल वाहिकाओं में बढ़ने लगता है तो इससे शरीर में रक्त का संचार प्रभावित होता है। यह आपके हृदय के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों में ब्लड फ्लो कम होने का कारण बनता है। आपकी रक्त वाहिकाएं संकुचित होने लगती हैं और उनमें रुकावट पैदा होती है और ब्लॉकेज हो जाते हैं। जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक, फेलियर, सीने में दर्द (एनजाइना) जैसे गंभीर रोगों का कारण बनती है।
अब सवाल यह उठता है कि महिलाओं में हार्ट ब्लॉकेज का पता कैसे लगाया जा सकता है? डॉ. गुरभेज सिंह एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी के अनुसार अगर कोई महिला हार्ट ब्लॉकेज के जोखिम में है तो उनमें इसके कई शुरुआती संकेत और लक्षण देखने को मिलते हैं, जिन्हें समय रहते पहचान कर वह डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं और उपचार ले सकती हैं। जिससे हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी। इस लेख में हम आपको महिलाओं में हार्ट ब्लॉकेज के 5 लक्षण या संकेत और बचने के उपाय बता रहे हैं
महिलाओं में हार्ट ब्लॉकेज के शुरुआती लक्षण- Symptoms Of Heart Blockage In Women
सीने में तकलीफ (एनजाइना) और सांस लेने में दिक्कत होना
सीने में दर्द, जकड़न और दबाव जैसी समस्याएं
अक्सर जी मिचलाना या मतली होना
शरीर के अलग-अलग अंगों में दर्द जैसे गर्दन, जबड़े, गला, पेट और पीठ दर्द
सुन्नपन और पिन चुभने जैसी महसूस होना, साथ ही दर्द होना (जो रक्त वाहिकाओं के संकुचन के कारण होता है।) साथ ही कमजोरी और बहुत ठंड लगने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं
Dr Gurbhej
Singh. MD,DM Cardiology (SCTIMST) Fellowship Inerventional
cardiology.
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कोरोनरी आर्टरी डिजीज कब और क्यों होती है? जानें इसके लक्षण और कारण ; डॉ. गुरभेज सिंह एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी से जानते हैं
कोरोनरी आर्टरी रोग में हृदय की धमनियां संकरी होने लगती हैं। इस स्थिति में सीने में दर्द का अनुभव हो सकता है।
Coronary
Artery Diseases: खराब खान-पान और जीवनशैली की वजह से आजकल अधिकतर लोग हृदय रोगों का सामना कर रहे हैं। इसमें कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease) भी शामिल है। आपको बता दें कि कोरोनरी धमनियां हृदय को रक्त की आपूर्ति करती हैं। साथ ही कोरोनरी धमनियों का काम हृदय तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सप्लाई करना भी है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जो कोरोनरी धमनियों को प्रभावित करती है। इसकी वजह से आपको सीने में बेचैनी और दर्द का अनुभव हो सकता है। कोरोनरी धमनी रोग हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकता है। कई लोग कोरोनरी आर्टरी डिजीज का सामना कर रहे हैं। कोरोनरी धमनी रोग पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही मृत्यु का एक मुख्य कारण हो सकता है। लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते हैं कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज क्यों और कैसे होती है? तो चलिए क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल डॉक्टर डॉ. गुरभेज सिंह एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी से जानते हैं
कोरोनरी आर्टरी डिजीज कैसे होती है?
भारत में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) की दर अन्य देशों के मुकाबले काफी अधिक है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज तब होता है, जब फैट, कोलेस्ट्रॉल, प्लेटलेट्स और कैल्शियम के कारण कोरोनरी धमनियों की कार्यप्रणाली में रुकावट आ जाती है। कोरोनरी धमनियों या दिल की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को प्लाक कहा जाता है। यह प्लाक धमनियों को सिकोड़ देता है। इसकी वजह से हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इतना ही नहीं कुछ मामलों में तो दिल की ब्लॉकेज भी हो जाती है।
कोरोनरी आर्टरी डिजीज कब और क्यों होती है? जानें इसके लक्षण और कारण
Coronary
Artery Diseases in Hindi: खराब खान-पान और जीवनशैली की वजह से आजकल अधिकतर लोग हृदय रोगों का सामना कर रहे हैं। इसमें कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease) भी शामिल है। आपको बता दें कि कोरोनरी धमनियां हृदय को रक्त की आपूर्ति करती हैं। साथ ही कोरोनरी धमनियों का काम हृदय तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सप्लाई करना भी है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जो कोरोनरी धमनियों को प्रभावित करती है। इसकी वजह से आपको सीने में बेचैनी और दर्द का अनुभव हो सकता है। कोरोनरी धमनी रोग हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकता है। कई लोग कोरोनरी आर्टरी डिजीज का सामना कर रहे हैं। कोरोनरी धमनी रोग पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही मृत्यु का एक मुख्य कारण हो सकता है। लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते हैं कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज क्यों और कैसे होती है? तो चलिए, डॉ.
गुरभेज सिंह एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी से जानते हैं कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षण और कारण (Coronary Artery Disease Symptoms
and Causes-
भारत में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) की दर अन्य देशों के मुकाबले काफी अधिक है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज तब होता है, जब फैट, कोलेस्ट्रॉल, प्लेटलेट्स और कैल्शियम के कारण कोरोनरी धमनियों की कार्यप्रणाली में रुकावट आ जाती है। कोरोनरी धमनियों या दिल की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को प्लाक कहा जाता है। यह प्लाक धमनियों को सिकोड़ देता है। इसकी वजह से हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इतना ही नहीं कुछ मामलों में तो दिल की ब्लॉकेज भी हो जाती है।
कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षण
कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षणों का अनुभव लंबे समय तक नहीं हो पाता है। जब किसी व्यक्ति में कोरोनरी आर्टरी रोग की वजह से धमनियां संकरी होने लगती हैं, तो इसके हल्के लक्षण नजर आने लगते हैं। इन लक्षणों से पता चलता है कि हृदय को शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। जब कोरोनरी आर्टरी डिजीज गंभीर रूप ले लेती है, तो कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इनमें शामिल हैं:-
सीने में दर्द और बेचैनी
सांस लेने में तकलीफ, खासकर जब कोई शारीरिक गतिविधि की जाती है।
सीने में भारीपन और जकड़न
सीने में दबाव, दर्द और जलन
थकान और आलस महसूस करना
सांस फूलने लगना
चक्कर आना
घबराहट
उल्टी, मतली और पेट में परेशानी होना
कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण
कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कई कारण हो सकते हैं। यह बीमारी तब होती है, जब कोरोनरी धमनियों में फैट और कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगते हैं। इनकी वजह से कोरोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। ऐसे में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इतना ही नहीं कुछ मामलों में पट्टिका फट भी सकती है। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कोरोनरी आर्टरी डिजीज का एक मुख्य कारण होता है। इसके अलावा कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कई कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:-
डायबिटीज
हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप
रेगुलर एक्सरसाइज न करना
खराब खान-पान या अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स
धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करना
Coronary Artery Disease: कोरोनरी आर्टरी डिजीज आम बमारी बन गई है। भारत में लाखों लोग इस बीमारी का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति में कोरोनरी धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण महसूस होते हैं। शुरुआत में कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षण महसूस नहीं हो पाते हैं। जब इसके लक्षणों का अनुभव होता है, तो स्थिति गंभीर हो जाती है। इसलिए अगर आपको शुरुआती लक्षणों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
Dr Gurbhej
Singh. MD,DM Cardiology (SCTIMST) Fellowship Inerventional
cardiology.
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AM-1PM) Tue/Wed/Fri
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