.डॉ मनीषा महिंद्रा बता रहीं हैं कि ये एक गंभीर बीमारी ज़रूर है, लेकिन इससे डरने की ज़रूरत नहीं है.
वे कहते हैं, “ब्लैक फंगस या म्यूकॉरमाइकोसिस कोई नई बीमारी नहीं है. ये नाक, कान और गले ही नहीं, शरीर के अन्य अंगों को भी नुक़सान पहुँचाती है. लेकिन बीते कुछ दिनों से ये बीमारी एक बड़ा रूप अख़्तियार कर रही है, क्योंकि ये बीमारी इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होने की वजह से होती है.
पहले हम ये बीमारी कीमोथेरेपी, अनियंत्रित डायबिटीज़, ट्रांसप्लांट मरीज़ों, और बुज़ुर्ग लोगों में देखते थे. लेकिन कोविड के बाद को-मॉर्बिडिटी और ज़्यादा स्टेरॉइड लेने वाले मरीजों में भी ये बीमारी नज़र आने लगी है.”
शरीर पर किस तरह हमला करता है फंगस
डॉ मनीषा
महिंद्रा बता रहीं हैं, ”ये बीमारी छुआ-छूत से नहीं फैलती है. लेकिन ये फंगस हवा में रहता है. यही आपको फफूंदी की शक्ल में ब्रेड पर और पेड़ के तनों पर काले रूप में दिखती है. ये फंगस आपकी नाक से होते हुए बलगम में मिलकर आपकी नाक की चमड़ी में चला जाता है. इसके बाद ये बीमारी बहुत तेज़ी से फैलती हुई सब कुछ ख़राब करते हुए दिमाग़ तक चली जाती है. इसमें मृत्यु दर 50 प्रतिशत है.”
इसके डॉ मनीषा
महिंद्रा समेत अन्य डॉक्टर मानते हैं कि इस बीमारी से डरने की ज़रूरत नहीं है.
संक्रमण ठीक कैसे हो सकता है?
इस बीमारी के इलाज के लिए लोगों को कई कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है.
ब्लैक फंगस के इलाज़ की प्रक्रिया समझाते हुए डॉ मनीषा महिंद्रा बता रहीं
हैं, “जब हमारे पास मरीज़ आते हैं, तो हम सबसे पहले ये सुनिश्चित करते हैं कि ये ब्लैक फंगस ही है. ये सुनिश्चित करने के बाद बहुत स्ट्रॉंग एंटी-फंगस दवाएँ देनी पड़ती हैं. क्योंकि जिन लोगों को ये होती है, उनके लिए ये बहुत ख़तरनाक होती है.” अगर दवाई से ठीक हो जाता है तो सही है, नहीं तो हमें हर उस हिस्से को काटना पड़ता है जिसे फंगस ने नुक़सान पहुँचाया होता है. क्योंकि वो हिस्सा गैंगरीन जैसा हो जाता है जिसके पीछे फंगस छिपा होता है और शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुँचने लगता है. इसका इलाज़ काफ़ी महंगा होता है और इसके लिए काफ़ी दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है. और कई लोगों ने इस वजह से अपनी जान भी गँवाई है. ऐसे में ये बीमारी काफ़ी ख़तरनाक है.”
डॉ मनीषा
महिंद्रा बता रहीं हैं कि लोगों को इस बीमारी से कोविड की तरह घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि इस बीमारी का इलाज पहले से मौजूद है.
लेकिन सवाल ये उठता है कि इस बीमारी का शिकार होने पर आपको क्या करना चाहिए.
डॉ मनीषा
महिंद्रा बचाव की टिप्स देते हुए कहते हैं, “जितना जल्दी लोगों को पता चल जाए, उन्हें उतनी ही जल्दी क़दम उठाने चाहिए. जिन्होंने स्टेरॉइड वगैरह ली है, उन्हें अपने लक्षण पहचानने चाहिए.
फंगस नाक में जाने के बाद कुछ इस तरह के लक्षण सामने आ सकते हैं –
नाक की अंदरुनी दीवारों पर सूखापन आना
· नाक के अंदर काली और भूरे रंग की पपड़ियाँ जमना
· नाक बंद होना शुरू हो जाना
· ऊपर वाले होठों और गालों का सुन्न होना शुरू हो जाना
· आँखों में सूजन आना
· आँखों का लाल होना
इनमें से किसी भी तरह के लक्षण सामने आने पर लोगों को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
Dr Manisha Mahindra
MBBS,MS(EYE)GOLD MEDALIST
PHACOAND LASIK SPECIALIST
MAHINDRA EYE CENTR
MOB 9815500991
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